करवाचौथ पूजा में सुहाग की निशानियों का भी खास महत्व है। सुहागिनें मंगलसूत्र, सिंदूर समेत 16 श्रृंगार की निशानियों की पूजा करती हैं। सुहाग का सामान दान भी किया जाता है। उत्तरी भारत में महिलाएं कपड़े और सुहाग का सामान अपनी सांस, या जेठानी को देती हैं। इसके बाद पैर छूकर आशीर्वाद लेती हैं। इसमें मीठे करवे, पकवान कपड़े और सुहाग का सामान शामिल हैं। इसे बायना कहा जाता है।
करवाचौथ में पति की दीर्घायु और परिवार की खुशहाली को महिलाएं व्रत रखती हैं। ज्योतिषाचार्य ब्रह्मदत्त शुक्ला ने बताया कि सोने, चांदी, मिट्टी के करवा और गड़ुआ का पात्र के करवा पूजे जाते हैं। मंगलसूत्र, सिंदूर, चूड़ी, आलता, बिंदी, वस्त्र, बिंदिया, बिछिया समेत शृंगार की सामग्री का भी पूजन होता है।
पंडित मनोज कुमार द्विवेदी का कहना है कि करवा चौथ में सुहागिन स्त्रियों को अपनी राशि के अनुसार कपड़े पहनने चाहिए। इससे उनके वैवाहिक जीवन में सुख, शांति, प्यार में बढ़ोतरी होगी।
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