देश में अब सोना बिना हॉलमार्किंग के नहीं बिकेगा. अगले साल जून महीने से सोने की खरीदारी को लेकर नया नियम लागू होगा. नया उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 (New Consumer Protection Act 2019) लागू होने के बाद सोने के गहनों (Gold Jewellery) को खरीदने वाले ग्राहकों को ठगना आसान नहीं होगा. सोने की ज्वेलरी पर हॉलमार्क (Hallmarking) जरूरी होगी. नए उपभोक्ता कानून आने के बाद 14, 18 और 22 कैरेट सोने में हॉलमार्किंग अनिवार्य हो जाएगी.
देश के हर ब्लॉक में खुलेंगे हॉलमार्किंग सेंटर
जून 2021 तक मोदी सरकार की देश के हर जिलों में हॉलमार्किंग सेंटर्स खोलने की योजना है. सरकार ने अब तक 234 जिलों में 921 हॉलमार्किंग सेंटर खोले हैं. अगले कुछ सालों में देश के हर ब्लॉक में हॉलमार्किंग सेंटर खोले जाएंगे. नियम आने के बाद ज्वेलर्स को BIS रजिस्ट्रेशन कराना होगा. नए नियम के बाद आपके पास भी हॉलमार्किंग सेंटर खोलने का मौका है. अगर आप हॉलमार्किंग सेंटर खोलना चाहते हैं तो www.manakonline.in पर जा कर अप्लाई कर सकते हैं.
हॉलमार्क सेंटर के लिए रजिस्ट्रेशन
हॉलमार्क सेंटरों को खोलने का मकसद लाखों लोगों को रोजगार भी देना है. रामविलास पासवान के मुताबिक, जो लोग अपने इलाके में हॉलमार्किंग सेंटर खोलना चाहते हैं, वह www.manakonline.in पर ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं. इसमें ज्वेलर्स भी रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. आवेदन के बाद संबधित विभाग वेरिफिकेशन का काम करेगा. उसके बाद सेंटर की फ्रेंचाइजी मिल जाएगी.
क्या है हॉलमार्किंग?
हॉलमार्क सरकारी गारंटी है. हॉलमार्क का निर्धारण भारत की एकमात्र एजेंसी ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) करती है. हॉलमार्किंग में किसी प्रोडक्ट को तय मापदंडों पर प्रमाणित किया जाता है. भारत में बीआईएस वह संस्था है, जो उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराए जा रहे गुणवत्ता स्तर की जांच करती है. सोने के सिक्के या गहने पर हॉलमार्क के साथ BIS का लोगो लगाना जरूरी है. इससे पता चलता है कि BIS की लाइसेंस वाली लैब में इसकी शुद्धता की जांच की गई है.
हॉलमार्क की पांच पहचान
- असली हॉलमार्क पर BIS बीआईएस का तिकोना निशान होता है.
- उस पर हॉलमार्किंग केन्द्र का लोगो होता है.
- सोने की शुद्धता भी लिखी होती है.
- ज्वेलरी कब बनाई गई है इसका वर्ष लिखा होता है.
- ज्वेलर का लोगो भी होता है.
क्यों जरूरी है हॉलमार्किंग?
ग्राहकों को नकली ज्वेलरी से बचाने और कारोबार की निगरानी के लिए हॉलमार्किंग बेहद जरूरी है. हॉलमार्किंग का फायदा यह है कि जब आप इसे बेचने जाएंगे तो किसी तरह की डेप्रिसिएशन कॉस्ट नहीं काटी जाएगी. मतलब आपको सोने का वाजिब दाम मिलेगा. हॉलमार्किंग में प्रोडक्ट कई चरणों में गुजरता है. ऐेसे में गुणवत्ता में किसी तरह की गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं रहती है.
तेजी से बढ़ी सोने की कीमत
जनवरी 2020 से लेकर अगस्त 2020 तक सिर्फ 7 महीनों में सोने का भाव 39,100 रुपए से बढ़कर 54,800 रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंच था. हालांकि, उसके बाद से सोने की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है. बता दें कि इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट पर देशभर के 14 सर्राफा बाजारों में सोने-चांदी की मूल्य का औसत भाव निकालकर जारी किया जाता है.
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